नमस्कार!
मैं विमला गुगलानी
सेवानिवृत्त पंजाब सरकार अध्यापिका, लेखिका, कवयित्री
मेरे बारे में
विमला गुगलानी, एम.ए. ( इतिहास) बी. एड
37 साल की नौकरी । लेखन में कालिज से ही शौक़ , पढ़ने का शौक़ अब तक छ: किताबें हिंदी और एक पंजाबी में छप चुकी है।पहली किताब ‘ स्मृतियों के आर-पार’ पाकिस्तान से आए अपने परिवार, और सामाजिक कुरितियौं पर आधारित है। दूसरी ‘ इन्द्रधनुषी जीवन कला’ और ‘ तीसरी चौथीहै’उत्सव है ज़िंदगी ‘मन कस्तूरी’ निंबध संग्रह है जिसमें अलग अलग पचास टोपिक है, जैसे कि ख़ुशी , बचत, रिटायरमेंट , पर्यावरण , वातावरण, स्वच्छता , अंगदान आदि।’ सन्नी बन्नी’ किताब में बच्चों की बीस कविताएँ है।’ रंगला जंगल ‘ पंजाबी में बच्चों की कविताओं की किताब है जिसे चंडीगढ़ साहित्य अकादमी ने 2019 में 15000 का अनुदान प्रदान किया।
लगभग हिंदी पंजाबी की 20 किताबों में साझेदारी में कविताएँ छपी है। अख़बारों , मैगजीनो में अकसर लेख , कहानियाँ , छपती रहती है जो कि सामाजिक विषयों पर होती है। जैसे कि लड़कियों पर, रिश्तों पर, टरैफिक पर, बुज़ुर्गों आदि। कई संस्थाओं से सम्मानित । ‘ दैनिक सवेरा अख़बार में नौ किश्तों में छपी लंबी कहानी ‘ आख़िर क्या करे पूर्वी ‘personality of the evening ‘ Mrs confidence ‘ ‘ Best Anchor’जैसे ख़िताबों से सम्मानित ।
बहुत सी रेसिपी छपी है और इनाम भी मिले है। जहाँ तक हो सके दूसरों की सेवा करने का शौक़ है, जैसे कि किसी के बिगड़ते संबंधों को सुधारना, औरतों को अपने हक़ों के प्रति जागरूक करना। बहुत सी सामाजिक संस्थाओं से जुड़ी हूँ । योगा करने करवाने में रूचि। दूरदर्शन और रेडियो पर प्रोग्राम ।पुराने गाने गाने और सुनने का शौक़ । पंजाबी की पटियाला से प्रकाशित होने वाली मैगज़ीन ‘ सोच दी शक्ति ‘ में पिछले लगभग आठ साल से हर महीने लेख, रेसपीज छपती है। इसी मैगज़ीन की एडवाइज़री कमेटी में भी शामिल हू ।